रविवार, 25 मई 2008

E- गवर्नेस कितनी सच कितनी झूठ

E- गवर्नेस का दवा करने वाली उत्तराखंड सरकार की अधिकांश वेब साईट्स को खोलने पर यह संदेश मिलता है।
On the Order of Government of Uttarakhand the Website of this Department has been temporarily withdrawn from the Uttara portal.
It will be restored as soon data update is received from the concerned department.
Inconvenience to users is regretted.
- Portal Administrator, Uttara Portal

उत्तराखण्ड शासन के आदेशानुसार इस विभाग की वेबसाईट उत्तरा पोर्टल से अभी हटा दी गई है ।
विभाग से अपडेट डाटा मिलते ही पुन: स्थापित कर दी जाएगी ।
असुविधा के लिए खेद है ।
- प्रशासक, उत्तरा पोर्टल
देखिए
(आशुतोष पाण्डेय)
संपादक
इनसाईट स्टोरी

बुधवार, 21 मई 2008

मिश्रित भ्रूण शोध का रास्ता साफ़

मानव-पशु के मिश्रित भ्रूण (पशु के गर्भ में विकसित मानव भ्रूण) को लेकर ब्रितानी संसद में हुए मतदान में इस पर प्रतिबंध की वकालत करने वाले पक्ष की हार हुई है. मंत्रिमंडल के कैथोलिक मंत्रियों रूथ केली, डेस ब्राउन और पॉल मरफ़ी ने इस पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में मतदान किया था जबकि प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन और टोरी नेता डेविड कैमरून ने इसका विरोध किया था. गंभीर रूप से बीमार लोगों को बचाने के लिए 'सेवियर सिबलिंग्स' (यानी किसी के उपचार के लिए उसके ही मातापिता से तैयार भ्रूण) के निर्माण पर प्रतिबंध की कोशिश भी 342 के मुक़ाबले 163 मतों से परास्त हो गई.
संसद में 'ह्यूमन फर्टिलाइज़ेशन एंड एंब्रयोलॉजी बिल' के संबंध में गंभीर बहस हुई जिसका लक्ष्य 1990 से चल रहे पुराने क़ानून को विज्ञान में हुई उन्नति के अनुसार बदलना था.
ब्राउन और कैमरून ने पार्किंसंस, अल्ज़ाइमर्स और कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज के लिए संकर भ्रूण के प्रयोग का समर्थन किया. मानव भ्रूण का प्रयोग किये जाने वाले हर शोध के लिए 'ह्यूमन फ़र्टिलाइज़ेशन एंड एंब्रयोलॉजी अथॉरिटी' यानी एचएफ़ईए को संतुष्ट करना होगा कि यह इस शोध के लिए आवश्यक है
विदेश विभाग के मंत्री विलियम हेग और गृह विभाग के मंत्री डेविड डेविस समेत टोरी शैडो मंत्रिमंडल के अधिकतर लोगों ने संकर भ्रूण को प्रतिबंधित करने के प्रयास को समर्थन दिया. संकर और मिश्रित भ्रूण को बनाने के ख़िलाफ़ लड़ाई का नेतृत्व करने वाले पूर्व मंत्री एडवर्ड ली ने कहा कि यह नैतिक रूप से ग़लत और स्वास्थ्य की दृष्टि से ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि अब तक इस दावे के कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं कि इन संकर भ्रूणों का उपयोग पार्किंसंस और अल्ज़ाइमर्स जैसी बीमारियों में किया जा सकता है. यह क़ानून संकर या मिश्रित भ्रूण का प्रयोग कर नियमित रूप से किये जाने वाले उन शोधों की अनुमति देगा जहाँ मानव कोशिकाओं को पशु के गर्भ में प्रत्यारोपित कर विकसित किया जाता है.
इस प्रक्रिया से बने भ्रूण को 14 दिन तक रखा जाता है ताकि इससे बीमारियों के इलाज के लिए प्रयोग की जाने वाला स्टेम सेल विकसित किए जा सकें. स्वास्थ्य मंत्री डाउन प्रिमेरोलो ने कहा कि मानव भ्रूण का प्रयोग किये जाने वाले हर शोध के लिए 'ह्यूमन फर्टिलाइज़ेशन एंड एंब्रयोलॉजी अथॉरिटी' यानी एचएफ़ईए को संतुष्ट करना होगा कि यह इस शोध के लिए आवश्यक है. उन्होंने कहा कि कोई मिश्रित भ्रूण किसी महिला या पशु में प्रत्यारोपित नहीं किया जाएगा. हम कैसे मानें कि नियम कानून काफ़ी हैं. हम तो यह मानते हैं कि ऐसा होना बहुत मुश्किल है इसलिए इस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए
लेबर पार्टी के पूर्व मंत्री सर गेराल्ड कॉफ़मैन इस विरोध से सहमत हैं. वे कहते हैं, "अगर संकर भ्रूण बनाने की अनुमति दे दी जाए तो आप अगली बार और किसी बात की अनुमति माँगने लगेंगे. आपको इसका कोई अंदाज़ा नहीं है कि यह आपको कहाँ ले जाएगा." लिबरल डेमोक्रेट इवान हैरिस ने उन लोगों की आलोचना की जिन्होंने कहा था कि संकर भ्रूण अतिमानवीय हैं. उन्होंने कहा, "नैतिक रूप से इस पर सहमति हो चुकी है कि अधिक जीवन क्षमता वाले मानव भ्रूण का उपयोग करने के बाद उसे नष्ट कर दिया जाए तो कम जीवन क्षमता वाले मिश्रित भ्रूण को बनाना कहाँ तक उचित है."
संसद में एक अलग बहस में मानव कोशिका को पशु के वीर्य में या पशुओं के अंडाणु में मानव शुक्राणु मिलाकर बनाए जाने वाले संकर भ्रूण के निर्माण पर भी प्रतिबंध लगाए जाने के प्रयास को भी 63 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा. इसी तरह टोरी पार्टी के डेविड बरोज़ की गंभीर रूप से बीमार बच्चों के उपचार के लिए 'सेवियर सिबलिंग्ज़' के निर्माण पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की भी मतदान में हार हुई.

(आशुतोष पाण्डेय)