रविवार, 10 अगस्त 2008

स्तन कैंसर से छुटकारा पाया जा सकता है: स्वामी रामदेव

एक अध्ययन के अनुसार पश्चिमी भोजन खाने से एशियाई मूल की महिलाओं में स्तन कैंसर का ख़तरा बढ़ सकता है। चीन के फ़ॉक्स चेज़ कैंसर सेंटर के शोधकर्ताओं ने 1500 महिलाओं पर किए गए एक अध्ययन से निष्कर्ष निकाला की जिन औरतों ने मांसाहार किया उनमें शाकाहारी खाना खाने वाली औरतों की अपेक्षा बीमारी होने का जोखिम अधिक पाया गया। अध्ययन में ये भी पता चला कि सिर्फ अधिक वजन वाली और रजोनिवृत्त औरतों में पश्चिमी आहार के सेवन से स्तन कैंसर होने का ख़तरा दोगुना था। वैसे आकडों के अनुसार एशियाई मूल की महिलाओं को पश्चिमी देशों की तुलना में स्तन कैंसर का ख़तरा कम होता है लेकिन अब इनमें भी ख़तरनाक ढंग से बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। मोटापा भी इन बीमारियों को बुलावा देने में अहम भूमिका निभाता है।

भारतीय महिलाओं के बीच हमारे द्बारा किए गए एक टेलीफोनिक सर्वे के अनुसार ६७ फीसदी से ज्यादा महिलाएं स्तन कैंसर के बारे में जानती भी नही हैं। इस सर्वेक्षण में हमने नैनीताल जिले की १५० महिलाओं के विचार लिए। अधिकांश महिला चिकित्सक भी महिलाओं को इसकी जाँच करने को नहीं कहती हैं। इसमें २५ से ४५ वर्ष तक की महिलाओं से बातचीत की। आश्चर्यजनक तथ्य है की इस सर्वे में भाग लेने वाली ८८ फीसदी महिलाएं पढी लिखी थी। (नैनीताल जिले में स्तन कैसर के लिए जागरूकता एक अध्ययन: आशुतोष पाण्डेय/ अंजू स्नेहा)
जिन महिलाओं का शरीर भार सूचकांक यानी बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 25 से ज्यादा होता है उनमें बीमारी का ख़तरा अधिक होता है। फ़ॉक्स चेज़ कैंसर सेंटर के शोधकर्ताओं के मुताबिक रजोनिवृत महिलाएँ पश्चिमी खानपान में कटौती और नियमित व्यायाम से स्तन कैंसर के ख़तरे को कम कर सकती हैं। चीन के एंटी-कैंसर एसोसिएशन के आंकड़ो के मुताबिक 1990 के दशक में चीन के बड़े शहरों में स्तन कैंसर से होने वाली मौतों की तादात 38।9 फ़ीसदी बढ़ी जबकि इस तरह के मामलों में 37 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी हुई। इसकी ख़ास वजह खानपान की आदतों में बदलाव हो सकता है।
पश्चिमी देशों के वैज्ञानिकों का कहना है कि स्तन कैंसर के दस फ़ीसदी मामलों की वजह मोटापा होता है। 'ब्रेकथ्रू ब्रेस्ट कैंसर' नाम से चल रहे कैंसर प्रभारी सारा कैंट ने कहा, "खानपान और स्तन कैंसर के बीच आपसी संबंध ढूंढना बहुत कठिन है। इस अध्ययन में कुछ मुद्दों जैसे ज़्यादा उम्र में माँ बनना, व्यायाम न करना और दवाओं के सेवन की चर्चा नहीं की गई है।" सारा कैंट ने कहा कि स्तन कैंसर का ख़तरा बढ़ाने में आहार का असर पता लगाना एक जटिल काम है। भारतीय योग गुरु स्वामी रामदेव का कहना है की प्राणायाम और योग के नियमित अभ्यास से स्तन कैंसर से छुटकारा पाया जा सकता है। अभी तक रामदेव कई मरीजों का इलाज कर चुकें हैं। उनके अनुसार इसका कारण पाश्चात्य जीवन शैली है। इनसाईट स्टोरी ने कई रोगियों से बात की जिनके स्तन की गाठें मात्र योग करने से ठीक हो गयी है। रामदेव भारतीय आयुर्वेद और योग पद्धति के द्बारा हजारों रोगियों को गंभीर से गंभीर बीमारियों से निजात दिला चुके हैं। स्तन कैंसर के बारे में उनका मानना यह है की इसका इलाज प्रथम अवस्था में योग के द्बारा आसानी से किया जा सकता है। ८० प्रतिशत से अधिक रोगियों को प्रथम स्तर पर ठीक करने का दावा करने वाले रामदेव अब एड्स जैसी महामारी का इलाज आयुर्वेद में ढूँढ रहे हैं।

शोध: आशुतोष पाण्डेय

आलेख: अंजू मोनिका