बुधवार, 10 अगस्त 2011

राहुल बन गए प्रधानमंत्री?

सोनिया ने राहुल को पार्टी की कमान क्या सौंप दी की, उन्हें देश का प्रधानमंत्री प्रोजेक्ट कर दिया जाने लगा, सोमवार को एक समाचार चैनल ने कह दिया की देश में राहुल प्रधानमंत्री के लिएलोगों की पहली और अंतिम पसंद हैं, खूब हंसी आयी ये प्रहसन सुन. सुना है दिल्ली की कोई सेंटर फार द स्टडी आफ डेवलपिंग सोसाइटीज है जिसने ये सर्वे कराया है. उनके अनुसार ४२ फीसदी लोग चाहतें हैं की राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनें. और आगे देखिये की ३४ फीसदी चाहते हैं की वो तुरंत प्रधानमंत्री बनें, वाह भाई वाह क्या सर्वे करा डाला? ये क्या बात हुयी राहुल जी दो दिन पार्टी की कमान तीसरे दिन प्रधानमंत्री का ख्वाव. वैसे मेरा कहा मान लो तो बन जाओ प्रधानमंत्री, चुनावों के बाद तो ये कौड़ी दूर की होगी. ये गौरव गाथा यहीं खत्म हो तो बताया जाय. इस सर्वे में २२ फीसदी लोग मनमोहन के साथ हैं. अजी काफी हैं २२ फीसदी तो बहुत है, जब अकेले सोनिया जी के वरदहस्त से दो बार प्रधानमंत्री बन गए तो इस बार तो २२ प्रतिशत साथ हैं, जय हो! कैग की रिपोर्ट का क्या काहे विपक्षी चिल्लाय रहें हैं, ज्यादा चिल्लाए तो हम एक और सर्वे करवा देंगें. अजी अपने योगेन्द्र जी हैं ना सर्वे स्पेलिस्ट ३९ हजार लोगों में ४२ फीसदी का साथ मिलने से जब राहुल बाबा को प्रधानमंत्री की कुर्सी दिलवा दें तो, दो-चार सौ लोगों से बात कर कैग की रिपोर्ट की भी... क्या कहें साहिब जहां ३९००० में पार्षद का चुनाव भी ना जीता जाय, योगेन्द्र जी राहुल को प्रधानमंत्री बना गए. मजा आ गया भाई, योगेन्द्र जी को मैं भी चाह रहा हूँ बुला लूं क्योंकि एक हजार वोट पर कम से विधायक तो बन ही जाउंगा. अगर उस पर राहुल जी हैं ही अपने, वो अपनी चाची के मामा के दोस्त के भतीजे के साले के पता नहीं क्या हैं? तुरंत प्रधानमंत्री बनाने वाले उनकी कृपा हो गयी तो, कोई कामनवेल्थ भले ही ना हों असली वैल्थ का इंतजाम तो हो ही जाएगा जैसे वढेरा जीजा का हो गया हमारा भी कुछ हो ही जाएगा. अगर ना भी हुआ तो भाई कम से अपना भी नाम भी सीबीआई वाले जान लेंगे. आज विधायक तो कल १० जनपथ तक भी, वैसे भी सोनिया अपनी ताई हुयी, अब कैसे ये मत पूछना जब कोई काम की बात पूछ ले तो हम कांग्रेस वालों को स्मृति भ्रम हो जाता है. अरे यार क्या पीछे पड़ गए, सारी सरकार अन्ना के पीछे है, और तुम भी ना हमारे पीछे. केंद्र मैं हुआ तो हल्ला, शीला जी राज्य में करें तो हल्ला. क्या लोगे चुप रहने का सुनो हम सरकारी लोकपाल बिल लाने वालें हैं, वहां तुम्हारा भी जुगाड़ करवा देंगें. कम से लोकपाल कार्यालय में कैंटीन का ठेका तुम्हारा रहा. और सुनना है, अरे छोडो हम कांग्रेसी हैं, हम नहीं बोलते, यहाँ बोलने का काम दिग्गु चाचा का है, ये दिग्गु कौन हुए भाई, अरे यार तभी तो आज तक प्रधानी का चुनाव भी न जीत पाए, कामन सेन्स ना ही है ना, कामन जनता वाला. दिग्गु माने अपने दिग्गी राजा, अब दिग्गी राजा कैसे हुए, युवराज ही राजा होंगें, अरे आप योगेन्द्र जी आ गये जी हाँ बस आप ही फोन लगा रहा था. अपना भी पपलू फिट करवा दो कम से कम १००० से बात कर, सर्वे कर ए मे ले तो बना दो वैसे हम खुद भी बहुत मैले इंसान हैं.
(आशुतोष पाण्डेय)