मंगलवार, 1 जुलाई 2008

सिगरेट से आपके बच्चे की जान को खतरा

(इन्साईट स्टोरी) अगर आप धुम्रपान करने के शौकीन हैं और हर बार इसके लिए घर से बाहर यह सोचकर निकल जाते हैं कि इससे आपके बच्चे सुरक्षित रहेंगे तो यह ख्याल गलत है। आपके बच्चों को उस हालत में भी 'पैसिव स्मोकिंग' का खतरा बना रहता है और वे इसके दुष्प्रभाव झेलते हैं। आस्ट्रेलिया में हुए एक नए अध्ययन से सामने आया है कि पैसिव स्मोकिंग (इसे सेकेण्ड हैण्ड स्मोकिंग भी कहते हैं) से आपके बच्चे सिर्फ इसलिए बचे नहीं रह सकते कि आप बाहर जाकर धुम्रपान कर रहे हैं। इस बारे में कर्टिन तकनीकी विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने धुम्रपान करने वाले अभिभावकों के सांस से निकलने वाले कणों की जाँच की और पाया कि धुम्रपान करने का प्रभाव उनकी सांसों में 24 घंटे बाद भी रहता है। यह प्रभाव 4 से 9 साल के बच्चों के स्वास्थ्य पर काफी विपरीत प्रभाव डाल सकता है। जाँच में मिला कि जो अभिभावक घर से बाहर जाकर भी धुम्रपान करते हैं उनके घरों में सांस लेने वाली हवा में खतरनाक स्तर तक निकोटीन पाया गया जो कि काफी गंभीर बात है।इस शोध को करने वाले वैज्ञानिकों में अग्रणी रहे डॉ. क्रासी रूमचेव कहते हैं कि इस अध्ययन से अब साफ हो गया है कि अभिभावकों को सचेत हो जाना चाहिए और बच्चों की सुरक्षा की खातिर घर के बाहर भी धुम्रपान करने से बचना चाहिए। अभिभावक अगर इस लत से पीछा छुड़ा लें तो इससे अच्छी तो बात ही नहीं होगी। वे बताते हैं कि बाहर से धुम्रपान करने के बाद घर के अंदर सिर्फ सांसें लेने से ही सब कुछ विषैला हो सकता है क्योंकि ये कण कपड़ों में भी चिपक सकते हैं। उल्लेखनीय है कि यह शोध 'इंडोर एयर' नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

(अंजू 'स्नेहा')

मंगल पर बर्फ


अमरीका की अंतरिक्ष एजेंसी - नासा का मानना है कि उसके अंतरिक्ष यान फ़ीनिक्स ने मंगल ग्रह पर बर्फ़ होने का ठोस दिया है। यान को मंगल पर एक गड्ढ़े की सतह खोदने पर कोई चमकीली चीज़ मिली जो मंगल ग्रह के हिसाब से चार दिन बाद ग़ायब हो गई। नासा का अनुमान है कि चमकीली चीज़ बर्फ़ थी जो चार दिनों में भाप बनकर उड़ गई। एक दूसरे गड्ढ़े को खोदने के बाद यान को उसी गहराई पर कुछ ठोस सतह मिली। इससे इस बात को बल मिलता है कि मंगल ग्रह की सतह के नीचे स्थायी रूप से जमा हुआ पानी है।
टस्कन के एरिज़ोना विश्वविद्यालय में आ रही सूचनाओं का अध्ययन कर रहे फ़ीनिक्स यान के प्रमुख शोधकर्ता डा0 पीटर स्मिथ कहते हैं, "इसे बर्फ़ ही होना चाहिए। कुछ दिन बीतने के बाद ही ये छोटे-छोटे टुकड़े पूरी तरह से गायब हो जा रहे हैं। यह ठोस सबूत है कि ये बर्फ हैं"। उनका कहना है, "कुछ सवाल हैं कि क्या यह चमकीली चीज़ नमक हो सकती है लेकिन नमक ऐसा नहीं कर सकता।"
फ़ीनिक्स ने मंगल पर उतरने के बीसवें दिन एक गड्ढ़े को खोदकर बर्फ़ के इन टुकड़ों को खोजा और उनकी तस्वीरें ली। चार दिन बाद यान ने दोबारा उसी जगह की तस्वीर ली लेकिन तब तक कुछ टुकड़ें ग़ायब हो चुके थे। इससे पहले बर्फ़ के मिलने की उम्मीदें कम होती जा रही थीं क्योंकि मंगल की सतह पर से ली गई मिट्टी में पानी का कोई नामो-निशान तक नहीं मिला था। मंगल पर बर्फ़ होने के सबूत इससे पहले भी जुटाए गए थे। लेकिन फ़ीनिक्स के इस अभियान का असल मक़सद उन साक्ष्यों का पता लगाना है जिससे इस ग्रह के ध्रुवीय इलाक़ों में बसने के विचारों को ताक़त मिले। देखना यह है की आख़िर कब तक मंगल ग्रह का रहस्य खुलकर सामने
आएगा।


आशुतोष पाण्डेय
संपादक इंसाईट स्टोरी