शनिवार, 9 अगस्त 2008

भारतियों का जलवा

भारतीय हर जगह अपना जलवा कायम कर ही लेतें हैं। दुनिया के सभी देशों में भारतीय दिमाग एक मिशाल बन चुका ऐसी ही एक हस्ती हैं; डाक्टर महेंद्र प्रकाश गर्ग। आपको जाम्बिया में चिकित्सा के छेत्र में अपनी सेवाओ के लिए वर्ष 2007 में ORDER OF DISTINGUISHED SERVICE First divison का अवार्ड वहाँ के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया गया है। यह पुरूस्कार प्राप्त उत्तर प्रदेश के मूल निवासी डाक्टर महेंद्र प्रकाश गर्ग 12 वर्षों तक सीतापुर आई हॉस्पिटल सीतापुर में भी पैथोलोजिस्ट के रूप में काम कर चुके हैं। जाम्बिया में फोरेंसिक पैथोलोजिस्ट के रूप में 1990 से काम कर रहें हैं। तब वे अकेले फोरेंसिक एकस्पर्ट थे जो सारे जाम्बिया में पोस्टमार्टम का जिम्मा निभाते थे। रोज १० से ज्यादा पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टर गर्ग ठेठ हिंदू होने के साथ साथ नान स्मोकर भी हैं । इससे पहले वे यूं एस ऐ घाना में भी पैथोलोजिस्ट के रूप में कार्य कर चुके हैं। वे अपने उसूलों के लिए भी जाने जातें हैं। घाना में एक ग़लत रिपोर्ट लिखने का दबाव पड़ने पर उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। जाम्बिया में काम करने के बारे में उनका कहना है की वे यहाँ पूरे सम्मान के साथ काम कर रहे हैं यहाँ उन्हें किसी प्रकार के रंग भेद और नस्ल भेद का सामना नही करना पड़ा। जाम्बिया सरकार भी उन्हें पूरा सम्मान देती है। वे जाम्बिया सरकार के साथ फोरेंसिक पैथोलोजिस्ट को तैयार करने का काम भी कर रहें हैं। ये रिपोर्ट हमारी टीम ने डॉ हरी सिंह बिष्ट अप्तोमेत्रिस्ट (सरदार बल्लभ भाई पटेल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र किच्छा, उत्तराखंड, इंडिया) से बातचीत के आधार पर तैयार की है। डाक्टर बिष्ट ख़ुद भी अन्धता निवारण के लिए कार्य कर रहें हैं। इसके साथ आपके द्वारा कई शोध पत्र राष्ट्रीय ओर अन्तराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रस्तुत किए जा चुकें हैं. आपका बच्चों से विशेष लगाव है। डाक्टर बिष्ट समय समय पर बच्चों से मिलकर उन्हें आंखों की सुरक्षा की जानकारियां देतें है।