शनिवार, 29 नवंबर 2008

हार गया आतंक, भारत जीत गया




२६ नवंबर २००८, मुंबई आतंकवाद का कहर धमाके, मौत, खौफ के बीच आख़िर हम जीत गए। वे हार गए हमारी हिम्मत से। चंद डरपोक लोगों ने कोशिश की भारत को तोड़ने की। लेकिन हम हार नहीं मानेंगे, हम सारे देशवासी एक साथ हैं। जो हमसे टकराएगा उसे हम नेस्तनाबूद कर देंगे। हम चुप हैं इसका मतलब ये नहीं की हम डरते हैं। आज समय आ गया है जब की सारा देश एक आवाज से ये कहे बस बहुत हो गया। अब बस करो नहीं तो मिटा दिए जाओगे। हमारी पुलिस, सेना, ओर कमांडों ने साबित कर दिखाया की वे हर आतंक खात्मा करने का जज्बा रखतें हैं। सारे देश की ओर से सलाम हमारे जाबाजों को। जो शहीद हुये हैं, उनकी शहादत बेकार नहीं जायेगी। हर भारतीय अब लडेगा, इस आतंक से। हम सब अपनी सरकार के साथ खड़े हैं। सरकार को इनसाईट स्टोरी का संदेश, हम काम करेंगे इस ब्लॉग मैगजीन के जरिये अपने देश की अखंडता की रक्षा की।
(आशुतोष पाण्डेय)