गुरुवार, 3 जनवरी 2008

आई-स्नेक: आसान होगी सर्जरी

आई -सनेक शरीर के अंदर पहुँचकर डॉक्टरों के हाथ और आंखों का काम करेगा विशेषज्ञ ऐसा रोबोट विकसित करने में लगे हैं जिससे सर्जरी के क्षेत्र में क्रांति आ सकती है। दरअसल, इसकी मदद से शरीर के अंदरूनी हिस्सों की जटिल से जटिल सर्जरी आसान हो जाएगी विश्श्ग्यों का मानना है कि आई-स्नेक नामक यह उपकरण शरीर के अंदर पहुँचकर डॉक्टरों के हाथ और आँख का काम करेगा. इसकी मदद से डॉक्टर ऐसे जटिल ऑपरेशन को भी आसानी से अंजाम दे सकेंगे जो अब तक काफ़ी मुश्किल माने जाते हैं. लंदन के इंपीरियल कॉलेज को इसे विकसित करने के लिए 21 लाख पाउंड की राशि दी गई है। आई-स्नेक घर में इस्तेमाल होने वाले ट्यूब जैसा लचीला है। इसमें लगी विशेष मोटर, सेंसर और कैमरे डॉक्टरों को शरीर के भीतर के हिस्से देखने या पकड़ने में मदद करेंगे। यानी की इसकी मदद से दिल की जटिल बाईपास सर्जरी भी आसान हो जाएगी. शोध टीम के एक सदस्य और ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री लॉर्ड आरा डार्ज़ी ने बताया कि मरीज़ों पर इस्तेमाल करने से पहले हम इस उपकरण की प्रयोगशाला में जाँच करेंगे. सर्जरी आसान होने के साथ ही आई-स्नेक का इस्तेमाल अंतड़ियों से संबंधित बीमारी का पता लगाने में भी किया जा सकेगा। इससे एक फ़ायदा यह भी होगा कि सर्जरी में चीरफाड़ कम करनी पड़ेगी जिससे मरीज़ों को अस्पताल में कम रुकना पड़ेगा. सर्जन अभी इस विकल्प पर भी काम कर रहे हैं जिससे शरीर के ऊपरी हिस्से चमड़े पर भी कम ज़ख्म आए.
लॉर्ड डार्ज़ी का कहना है,''आई-स्नेक से सर्जरी सस्ती और कम पीड़ादायक तो होगी ही, इलाज़ में समय भी कम लगेगा और लोग जल्दी ठीक होंगे.''
वेलकम ट्रस्ट के तकीनीकी हस्तांतरण के निदेशक डॉ। टेड बानको कहते हैं, ''अब वो दिन लद गए जब ऑपरेशन थियेटर में छुरियों से सर्जरी होगी। आने वाला समय आई-स्नेक जैसे आधुनिक उपकरणों का है।''


Sangeeta

सबसे नौजवान ग्रह की खोज

वैज्ञानिकों ने सौर मंडल के बाहर एक नए ग्रह की खोज की है। यह ग्रह न केवल खोज के लिहाज से नया है, बल्कि उम्र के हिसाब से भी यह सबसे नया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस खोज से सौर मंडल के निर्माण की गुत्थी सुलझाने में मदद मिलेगी।
नया ग्रह का नाम टीडब्ल्यू हाइड्रे रखा गया है।
इसकी खोजा जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फार एस्ट्रोफिजिक्स के वैज्ञानिकों ने की है। इसे सबसे कम उम्र का बताया जा रहा है ग्रणाओ के अनुसार यह ग्रह सिर्फ एक करोड़ साल पुराना माना जा रहा है । नए ग्रह की उम्र सौरमंडल की उम्र का मात्र 0.2 प्रतिशत है। इसे सबसे कम उम्र का ग्रह बताया जा रहा है।
हमारी पृथ्वी की उम्र लगभग 4.5 अरब वर्ष है। जबकि अब तक ज्ञात सबसे नौजवान ग्रह दस करोड़ साल पुराना था।
आकार : पृथ्वी से 3,115 गुना और हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति से लगभग 9.8 गुना ज्यादा।
स्थिति : पृथ्वी से 18 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर। यह अपने सूर्य से सिर्फ 37 लाख मील की दूरी पर है, पृथ्वी सूर्य से 9.3 करोड़ मील की दूरी पर है। यह अपनी धुरी का एक चक्कर 3.56 दिन में लगाता है।
-वैज्ञानिकों के मुताबिक नए तारों के विकसित होने के बाद टीडब्ल्यू हाइड्रे अस्तित्व में आया होगा।
-ग्रह गैस और धूल के पिंड होते हैं। किसी नए ग्रह के आसपास गैस व धूल के बादल पाए जाते हैं। जबकि इस बच्चा ग्रह की कक्षा में इनकी अनुपस्थिति वैज्ञानिकों को चौंका रही है।


आलेख: आशुतोष पाण्डेय

प्रस्तुति: अंजू