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फ़ाइल फोटो: रामदेव-अन्ना हजारे |
यह पूछने पर कि उन्होंने बाबा के आंदोलन से दूरी क्यों बना ली है, अन्ना ने कहा कि अपने आंदोलन में हम सभी के विचारों को सुनते हैं, चर्चा करते हैं और उसके बाद मिलकर कोई फैसला लेते हैं, लेकिन बाबा इस तरह नहीं सोचते। वह अकेले ही सारे फैसले लेते हैं। यही कारण है कि कई बार अपनी बातों ने उन्होंने अनजाने में ही सरकार को ही फायदा पहुंचाया है। उन्होंने कहा की रामदेव की लड़ाई भी भ्रष्टाचार को लेकर है लेकिन तरीका ठीक नहीं है, यही बात इससे पहले कई कांग्रेसी नेता और समीक्षक भी कह चुके हैं. ये बात सही है की रामदेव की इस कार्रवाई से अन्ना की लड़ाई को काफी नुकसान पहुचा है. यही बात हम लगातार अपने आलेखों में कहते रहें हैं.
(आशुतोष पाण्डेय)