मंगलवार, 23 अगस्त 2011

माँ का पोषण बच्चे का जीवन

शिशु का जन्म के समय का वजन उसके भावी स्वास्थ्य और रोग प्रतिरोधी क्षमता को निर्धारित करता है, ये मानना है प्रोफ़ेसर डेविड बार्कर का. उनके अनुसार गर्भ में पल रहे शिशु का पोषण माँ के रोजमर्रा के भोजन से नहीं बल्कि माँ के शरीर में संचित भोजन से होता है और बच्चे का स्वास्थ्य माँ के जीवन भर हुए पोषण पर निर्भर करता है. शिशु का शरीर माँ के द्वारा लिए गये भोजन के प्रति भी निश्चित प्रतिक्रिया करता है और उससे प्रभावित भी होता है. जन्म के समय शिशु का वजन गर्भावस्था और उससे पूर्व माँ को मिले पोषण पर निर्भर करता है.
भारत के कई गावों में जहां लोग काफी सक्रिय थे और खानपान में पूर्ण शाकाहारी थे भी मधुमेह से ग्रसित पाए गए हैं, ये बात चौकाने वाली थी, लेकिन प्रोफ़ेसर बार्कर के शोध ने इस गुत्थी को काफी हद तक सुलझाने में मदद की है. दरअसल इन गाँव में माँओं को मिलने वाला पोषण काफी निचले दर्जे का होता है और यही कई रोगों और कम प्रतिरोधी क्षमताओं से किसी इंसान को जीवन भर जूझने के लिए मजबूर करता है.
(इनसाईट स्टोरी टीम )