रविवार, 23 दिसंबर 2007

'पैसे की कमी झेल रही है अमरीकी सेना'

अमरीकी रक्षामंत्री रॉबर्ट गेट्स ने कहा है कि पैसा नहीं मिला तो इराक़ और अफ़ग़ानिस्तान में जारी अभियान प्रभावित होगा अमरीका के रक्षामंत्री रॉबर्ट गेट्स ने चिंता जताई कि पैसे की कमी के कारण अमरीकी सेना प्रभावी तरीके से अपने अभियान को नहीं चला पा रही है. उन्होंने यह भी कहा है कि इराक़ में अमरीकी सैनिकों की वापसी तय कार्यक्रम के अनुरूप हो सकती है क्योंकि वहाँ अब स्थिति सामान्य होने लगी है. रॉबर्ट ने बताया कि इराक़ में अब स्थिति नियंत्रण में आ रही है और अगर यह रुझान बना रहा तो अमरीकी सैनिकों की वापसी तय कार्यक्रम के मुताबिक आगामी वर्ष में शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि स्थितियों में सुधार को देखते हुए जुलाई 2008 तक अमरीकी सैनिकों की 20 में से पाँच ब्रिगेड अपने वतन लौट सकती हैं। वर्ष के आखिर में अपने दिए गए अपने संबोधन में उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि अमरीकी सेना को इराक़ और अफ़ग़ानिस्तान में पैसे की कमी का संकट झेलना पड़ रहा है।

पैसे का संकट
उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष में अमरीकी सेना के इराक़ और अफ़ग़ानिस्तान में प्रभावी अभियान चलाने के लिए पैसे का संकट खड़ा हो गया है.
रॉबर्ट गेट्स ने ऐसी स्थिति से उबरने के लिए अतिरिक्त धन दिए जाने की ज़रूरत बताई और कहा कि ऐसा नहीं किया गया तो सेना का काम प्रभावित होगा जो कि चिंताजनक है.
ग़ौरतलब है कि बीते दिनों अमरीकी संसद की ओर से सेना को 70 अरब अमरीकी डॉलरों का खर्च स्वीकृत किया गया था पर रक्षामंत्री का कहना है कि यह अपेक्षित धन के आधे से भी कम है.
दरअसल, बुश प्रशासन जहाँ आतंकवाद के ख़िलाफ़ अभियान को और चुस्त करने की बात करता रहा है वहीं अमरीकी कांग्रेस में प्रभावी हो चुके डेमोक्रेट्स का मानना है कि अमरीकी सैनिकों को अब अफ़ग़ानिस्तान और इराक़ से वापस बुलाया जाना चाहिए. इसे लेकर बुश प्रशासन पर विपक्ष की ओर से व्यापक दबाव भी बनता रहा है और दोनों ही देशों में अमरीकी सेना के अभियान के मुद्दे पर बुश को पीछे हटना पड़ता रहा है।
यह विशेष समीक्षा 'इनसाईट स्टोरी' की उपसम्पादिका अंजू के द्वारा की गयी है।

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