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मुझसे दोस्ती करोगे! तन्हाइयों में हमसे बातें करें... जैसे सन्देश आपको अपने मोबाइलों पर रोज मिलते होंगें और यदि कभी आपने इन नम्बरों पर फोन किया होगा तो पता चला होगा कि आप को चूना लग चुका है. ऐसे सैकड़ों सन्देश मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों द्वारा रोज उपभोक्ताओं को भेजे जातें हैं और रोज लाखों रूपये ये कंपनियां इन फर्जी काल के जरिये करवा रहीं हैं. हद तो यह है कि ये कंपनियां कुछ लड़कियों को बिठा कर अश्लील बातें करवा रहीं हैं और ये धंधा खुले आम चल रहा है. इनसाईट स्टोरी ने एक ऐसे ही सन्देश में दिए गए नंबर पर जब काल कर बात की तो पता चला की कुछ लडकियां अपने फर्जी नामों से बात करती हैं और बात करने वालों को अश्लील बातें करने के लिए उकसाती हैं. कई बार ऐसी काल्स में फंसा कर बाद में ब्लैकमेलिंग और जिस्म फरोशी का काम भी किया जा रहा है. उपभोक्ता इनके चक्कर में फंस कर काफी देर तक बातें करतें हैं. इस प्रकार ये सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां प्रतिदिन मोटी कमाई कर रही हैं. इस बारे में जब किसी सर्विस प्रोवाइडर के कस्टमर केयर में बात की जाती है तो वे ऐसे किसी सन्देश के उनके नेटवर्क से आये होने से मना कर देतें हैं. डी एन डी (डू नाट डिस्टर्ब) सेवा के चालू होने के बाद भी ये सन्देश उपभोक्ता के मोबाइल तक पहुंच ही जातें हैं. ये सब कैसे होता है समझ से परे है और इन संदेशों का रिकार्ड होने से ये कंपनियां साफ़ मना क़र देती हैं. मोबाइल ही नहीं समाचार पत्रों में भी ऐसे कई विज्ञापन भरें होते हैं जिनमें दोस्त बना फोन पर बात करवाई जाती है. ये विज्ञापन पहले महानगरों से छपते थे लेकिन अब ऐसे कई क्लब जो फोन पर दोस्ती करवातें हैं छोटे शहरों में भी मिल जायेंगें. यहाँ दोस्ती के नाम पर खुला जिस्म फरोशी का धंधा भी चलाया जाता है. इन मोबाइल कंपनियों और दोस्ती के क्लबों के लिए कोई नियम क़ानून भी नहीं हैं. इस प्रकार के धंधों के जाल में फंसने वाले भी इसकी शिकायत नहीं करना चाहतें हैं. बकायदा पुलिस और राजनीतिक संरक्षण भी इन्हें प्राप्त है. तन्हाई में हो तो मुझसे दिल की बातें करें जैसे संदेशों से सावधान कहीं आप किसी मुसीबत में ना फंस जाएँ.
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