मेरी दिल्ली दो पाटों के बीच में पिस रही है। एक ओर केजरीवाल और दूसरी ओर केंद्र में मोदी। लोकसभा में दिल्ली ने भाजपा पर भरोसा जताया लेकिन कुछ महीनों में ही भाजपा से ऐसी दुश्मनी कर ली कि भाजपा 5% सीट भी विधान सभा में नहीं जुटा पाई। मोदी के मैजिक का दिल्ली ने रस निकाल दिया। लेकिन अब केजरीवाल 2 महीने में ही अपनों की लड़ाई से परेशान हैं। अब देखना है ये दो पाट दिल्ली को कितना पीसते हैं।
कौन बनता है खबर? कौन होता ख़बरों के केंद्र में? क्या बिकती हैं खबरें? घोटाले बनाए भी जातें हैं? ख़बरों का सच, ख़बरों का झूठ, इनसाईट स्टोरी के आईने में. आप बताएं कहाँ क्या हो रहा है? कैरियर, स्वास्थ्य, विज्ञान, फिल्म ....... और बहुत कुछ आपके लिए.
शुक्रवार, 10 अप्रैल 2015
रविवार, 8 फ़रवरी 2015
दिल्ली चुनाव तीन भाजपा सांसद अब बगावत के मूड में


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