अन्ना हजारे |
मेरा भारत महान है. वास्तव में इतनी हडतालों, अनशनो, जुलूसों के बाद भी ये चल रहा है. हर ओर भ्रष्टाचार का हल्ला मचा है. भारत विश्व कप क्या जीता लोगों को भ्रष्टाचार की याद थोड़ी हल्की हुयी. लगता है की अब शायद इस देश में कुछ होना बाकी नहीं रहा. अन्ना हजारे के अनशन के साथ एक बार फिर इस देश का स्वंयभू बुद्धिजीवी फिर उद्द्वेलित दिख रहा है. इससे पहले रामदेव का भारत स्वाभिमान जगा था, देश का काला धन वापस आने वाला था, रामदेव कहते थे की देश के हर नागरिक को लाख रुपया मिलेगा. खैर नागरिकों को तो मारो गोली, रामदेव जी ने अपने खास चन्दा देने वालों के लिए योग करने के लिए एसी काटेज बना दियें हैं, जहां पांच सितारा सुविधाएँ हैं. एक संत को जब पञ्च सितारा सुविधायों वाला एसी काटेज योग करने के लिए बनाना पड़ा हो तो एक मंत्री भी ये सब करे जिसे चुनावों में जनता के बिकने वाले वोट खरीदने पडतें हैं, वो भी कुछ करोड़ जमा कर ले तो क्या जाता है? भ्रष्टाचार कौन नहीं करता है मुझे बताये? हर इंसान कहीं न कहीं आचरण से भ्रष्ट है. सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार का हल्ला आजकल संत कर रहें हैं?
जरा देखिये इन संतों को चन्दा कौन देता है? क्या ये कोई काम करते हैं? सिर्फ बातों से दुनिया को चलाने वाले संत या फिर आन्दोलनकारी सबसे ज्यादा भ्रष्ट आचरण करतें हैं. आजकल कई संत आडिट करवा कर चंदा वसूल रहें हैं. न जाने कितने ट्रस्ट या फिर संगठन इन संतों के पास हैं. मुफ्त में मिलने वाले गौ मूत्र को बोतलों में बंद कर जनता को खुले आम लूटने वाले लोग क्या भ्रष्ट नहीं हैं. इसका मतलब ये नहीं की हम भ्रष्टाचार को मान्यता दे दें लेकिन सावधान रहें कुछ लोग हैं जो भ्रष्टाचार का हल्ला काट हमारी जेबें काट रहें हैं. ऐसे में अन्ना हजारे का समर्थन क्यों?
जरा देखिये इन संतों को चन्दा कौन देता है? क्या ये कोई काम करते हैं? सिर्फ बातों से दुनिया को चलाने वाले संत या फिर आन्दोलनकारी सबसे ज्यादा भ्रष्ट आचरण करतें हैं. आजकल कई संत आडिट करवा कर चंदा वसूल रहें हैं. न जाने कितने ट्रस्ट या फिर संगठन इन संतों के पास हैं. मुफ्त में मिलने वाले गौ मूत्र को बोतलों में बंद कर जनता को खुले आम लूटने वाले लोग क्या भ्रष्ट नहीं हैं. इसका मतलब ये नहीं की हम भ्रष्टाचार को मान्यता दे दें लेकिन सावधान रहें कुछ लोग हैं जो भ्रष्टाचार का हल्ला काट हमारी जेबें काट रहें हैं. ऐसे में अन्ना हजारे का समर्थन क्यों?
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