गुरुवार, 7 अप्रैल 2011

अनशन छोड़िये, छडी उठाइए और इस देश की भ्रष्ट आत्मा को सुधारिए.

अन्ना हजारे का अनशन जारी है..... लेकिन कब तक रहेगा. कुछ ही दिनों में इसे समाप्त करवा दिया जाएगा, उधर शायद अन्ना भी ये जानते हैं की इस प्रकार के आन्दोलनों का क्या हश्र होता है? लोकपाल क़ानून बने, बनना भी चाहिए, लेकिन अन्ना ये कहते हैं की इसके लिए जो कमेटी बने उसमें आधे गैर राजनीतिज्ञ हों.
पहला सवाल: गैर राजनितिक कौन है? जो संसद में बैठा है क्या उसे ही राजनेता कहा जाएगा?
दूसरा सवाल: क्या अन्ना राजनितिक सोच नहीं रखतें हैं?
तीसरा सवाल: क्या गारंटी है की गैर राजनितिक शत प्रतिशत ईमानदार हैं? जरा देश में होने वाले चुनावों को देखिएगा, पंचायत से लेकर संसद तक चुनावों में वोट देने के लिए आम आदमी अपना वोट बेचता है.
व्यापारी टैक्स की चोरी में सबसे आगे हैं?
नौकरशाह भी भ्रष्ट हैं?
मीडिया वाले प्रेस लिखकर नियम कानूनों के धुर्रे उड़ाते हैं?
न्यायपालिका के ऊपर भी लगातार सवाल उठते हैं?
तो कौन होगा इस लोकपाल लागू करवाने वाला?
अन्ना कहा से लायेंगे ईमानदार लोगों को?
क्या अन्ना ये नहीं जानतें हैं?
अगर नहीं तो जानना चाहिए.
जानते हैं तो पहले इस देश की जनता को
शुचिता सिखानी पड़ेगी.
अनशन छोड़िये, छडी उठाइए और इस देश की भ्रष्ट आत्मा को सुधारिए.

1 टिप्पणी:

Unknown ने कहा…

Ham kisi ka smarthan nahin kr rhen hain ham sudhaar ki baat kar rhen hain.