जहां इस देश के नेता घोटालों में व्यस्त हैं, वहीं आम आदमी भी कहीं पीछे नहीं है, टैक्स की चोरी से लेकर फर्जी प्रमाणपत्रों के जरिये सरकारी नौकरी पा लेने का खुला खेल भी देश में चल रहा है, अभी एक ताजा मामला उत्तराखंड के नैनीताल जिले का सामने आया है, यहाँ एक अध्यापक ने फर्जी प्रमाणपत्रों के जरिये पांच साल सरकारी नौकरी कर ली, अब किसी व्यक्ति के द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सूचना मागने पर ये सच सामने आया है की उसकी एम. ए. और बी. एड. की मार्कशीट ही फर्जी थी जिसका कोई रिकार्ड सम्बंधित विश्वविद्यालय के पास था ही नहीं, ये तो वह मामला है जो पकड़ में आ गया, ऐसे हजारों मामले हर साल होतें हैं जिसमें एक संगठित माफिया काफी सधे तरीके से काम करता है, बाकायदा एजेंटों और आफिस बनाकर काम करने वाले इन माफियाओं के तार विभिन्न बोर्डों के अधिकारियों से लेकर राजनेताओं और पुलिस तक से जुड़ें रहतें हैं, ये माफिया भी दो तरह के हैं एक वो जो पूरे कायदे -कानूनों के अनुसार काम करतें हैं इनकी प्रवेश से लेकर परीक्षाफल आने तक की सारी जिम्मेवारी होती है, इनके पास नक़ल कराने और दुसरे छात्र को बिठा परीक्षा दिलाने तक की व्यस्था होती है. ये हाल किसी एक शहर या बोर्ड का नहीं है, सारे देश इस प्रकार के माफिया खुले आम अपनी बिसात बिछाए घूम रहें हैं, १० वीं से लेकर बी. एड तक कोई भी डिग्री या कोर्स हो ये करवा देतें हैं, इसके लिए ग्राहकों की कोई कमी भी नहीं होती है, दुसरे प्रकार का माफिया वो है जो फर्जी मार्कशीट खुद तैयार करता है और बेचता है इनके द्वारा दिए गए सभी प्रमाण पात्र नकली होतें हैं, फिर भी हजारों लोग हर साल इनकी सेवा लेतें हैं. इस प्रकार के माफिया बोर्ड के लोगो और मुहर की नक़ल कर फर्जी दस्तावेज तैयार करने में माहिर होतें हैं. समय समय पर इन लोगों की गिरफ्तारियां भी होती हैं लेकिन किसी पुख्ता क़ानून के ना होते ये जल्द ही बरी हो जातें या जमानत पर आ जातें हैं, सवाल ये नहीं है की ये इतना बड़ा फर्जीवाड़ा करते कैसे हैं असल सवाल तो ये है की आखिर इन्हें काम करवाने वाले मिलते कहाँ से हैं, अभी कुछ दिन पूर्व एक एयर लाइंस के पायलट के पास फर्जी लाइसेंस मिला था. इसके अतिरिक्त फर्जी डोमिसाइल, बी पी एल कार्ड बनाने और बनवाने वालों की कमी नहीं हैं, हर साल फर्जी डोमिसाइल के चलते सैकड़ों छात्रों का प्रवेश निरस्त हो जाता है. फर्जी डाक्टर, फर्जी इंजीनियर से लेकर फर्जी नेता सभी पाए जातें हैं इस दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में. आगे हम आपको सुनायेंगें कुछ दास्तान जिसके चलते आप देखेंगे इस दुनिया का घिनौना चेहरा, लेकिन ध्यान रहे कहीं हमारी अगली मुहिम आपकी दास्तान ना कह रही हो. वो घिनौना चेहरा आपका ही ना हो.
पड़ताल: (इनसाईट स्टोरी टीम)
आलेख: आशुतोष पाण्डेय
1 टिप्पणी:
्हम तो ऐसे काम करते ही नहीं।
एक टिप्पणी भेजें