आज निर्मल बाबा को लेकर हल्ला मचा हुआ है... कल तक बाबा
का गुणगान करने वाले चैनल और मीडिया आज उन्हें फ्राड बता रहें हैं और कल तक उनकी भक्ति
करने वाले आज पुलिस स्टेशन में जाकर कार्यवाही
की मांग कर रहें हैं. ये पहला मौक़ा नहीं जबकि किसी बाबा के खिलाफ ऐसी शिकायतें मिल
रहीं हैं, इससे पहले भी कई बार ऐसा होता रहा है. दरअसल ये भारतीय जनमानस की कमजोरी
है कि पहले बिना सोचे समझें किसी को सर आखों पर बिठा लेता है और उतनी ही जल्दी किसी
के खिलाफ आंदोलनरत भी हो जाता है. एक नट की तरह कभी काले पर्स को खरीदवाने वाले बाबा
या कभी गोलगप्पे या भुट्टा खाने की उल-जलूल सलाह देने वाले बाबा के पास अरबों की संपत्ति
कैसे इकठ्ठी हुयी ये शोध का विषय है, जब “इनसाईट स्टोरी” ने बाबा के
भक्तों से इस अंध भक्ति का कारण जानना चाहा तो ज्यादातर लोगों ने बताया कि उन्हें उनके किसी जानने वाले ने
बाबा के चमत्कारों के बारे में बताया और फिर टीवी चैनलों पर लगातार निर्मल बाबा के
चमत्कारों की चर्चा ने उन्हें उनकी ओर आकृष्ट किया, इनमें से कई तो बाबा के लिए दश्वांश
के रूप में हजारों रूपया भी भेज चुके हैं. क्या उनके जीवन में कुछ चमत्कार हुआ? इस
पर लोगों की प्रतिक्रिया नकारात्मक ही थी, लेकिन कोई लाभ ना होने पर भी बाबा कि ख्याति
कैसे बढ़ती गयी तो इस प्रश्न का उत्तर भी काफी दिलचस्प मिला दरअसल बाबा उनके कुछ एजेंट
लगातार लोगों के बीच सन्देश देते रहें कि उनके द्वारा पूजा या दैनिक दिनचर्या में कुछ
ना कुछ गडबडी की जा रही है , जैसे समोसे अकेले खाना, मंदिर के गुल्लक में मात्र सौ
रूपये डालना. इस प्रकार कई मनगढंत कहानियाँ
सुनाकर लोगों को लूटने का सिलसिला जारी है. इस प्रकार मीडिया और बाबा के पेड
एजेंटों के चलते बाबा की दुकान चल निकली है. गूगल पर आज निर्मल बाबा फ्राड के नाम
से रोज हजारों सर्च किये जा रहें हैं और इतनी ही तादात में सोशल नेटवर्क साईट पर
भी पोस्ट किये जा रहें हैं, फेसबुक पर बाबा के एजेंट भी सक्रिय हो गयें हैं जो
बाबा के चमत्कार की कहानियाँ सुना रहें हैं और बाबा को अपना भगवान बता रहें हैं.
ताजा खबरों के अनुसार अब बाबा अपने अकाउंट खाली कर चुके हैं. लोग कह रहें हैं कि
बाबा का बुरा वक्त शुरू हो गया है लेकिन
बाबा इतना कमा चुके हैं कि उन्हें सारे धंदे बंद हो जाने पर भी कोई असर नहीं पड़ने
वाला. यदि कोई नेता या बड़ा अधिकारी धोखाधड़ी करे तो तमाम हल्ला होता है सिविल
सोसायटी के सदस्य उसके खिलाफ मोर्चा खोल देतें हैं, लेकिन निर्मल बाबा के खिलाफ अन्ना
ने ना तो उनके समागम स्थल पर धरना देने की घोषणा की है ना ही केजरीवाल जैसे सिविल
सोसायटी के सदस्य जो संसद की गरिमा को तो तार-तार कर सकतें हैं लेकिन निर्मल बाबा
के खिलाफ एक भी शब्द उनके मुंह से ना निकलना क्या इस बात की ओर संकेत कर रहा है कि
आने वाले समय में अन्ना टीम भी निर्मल बाबा के कारनामों की पुनरावृति करे. कई जगह
पर अन्ना के नाम पर अधिकारियों और राजनेताओं को ब्लैक मेलिंग का काम भी किया जा
रहा है. सिविल सोसायटी के नाम पर कई स्वयंभू अपना उल्लू सीधा कर रहें हैं. इस देश
को लूटने के लिए हर कोई अपनी भूमिका में काम कर रहा है और देश लूट कर भी जय नाद कर
रहा है. कहीं निर्मल बाबा की जय तो कहीं सोनिया की पूजा. संसद से लेकर न्यायपालिका
और सेना तक सब जगह एक ही चीज कामन है वह है, भ्रष्टाचार. फिर भी भारत चल रहा है,
इसीलिए कहा जाता है “मेरा भारत महान”.
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