सोमवार, 22 अक्टूबर 2012

आम आदमी की टोपी के साथ केजरीवाल

शीला दीक्षित अरविन्द केजरीवाल को मान हानि का नोटिस भेज चुकी हैं लेकिन केजरीवाल ने कहा है जब तक शीला का यही रवैया रहेगा तब तक वे उनकी मानहानि करते ही रहेंगे. केजरीवाल को अपने वक्तव्य पर कोई अफ़सोस है, होना भी नहीं चाहिए क्योंकि सच को कहने में अफ़सोस क्यों किया जाय? दूसरी खबर जो आज नुमाया हुयी है की बिजली के नये स्लैबों में कुछ राहत दी गयी है. ये राहत भी ऐसी है की क्या कहें शब्दों का अकाल पड़ गया है. वाड्रा साहब और बेगम खुर्शीद के साथ नितिन जी पोल खोल केजरीवाल ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि इस समय  देश की राजनीति में सब लुटेरे हैं. असल में केजरीवाल के इन खुलासों ने देश के सामने राजनैतिक निर्वात की स्थिति पैदा कर दी है. लेकिन केजरीवाल के इस आन्दोलन के साथ भी कई सवाल जुड़े हैं? जैसे उनके साथियों पर लगे आरोप, अन्ना और सिविल सोसायटी के अन्य सदस्यों  की दूरी. अन्ना जिस आन्दोलन को पूरे जोर शोर से चला रहे थे लेकिन राजनितिक विकल्प के सामने आने के बाद उनके लिए ये सब अछूत हो गया. जिस लोकपाल को अन्ना लाना चाहते थे उसे पास करवाने के लिए नितिन, खुर्शीद और पवार जैसे नेताओं के का समर्थन ही चाहिए और ये समर्थन क्यों देने लगे इनमें से कोई भी इतना बेवकूफ नहीं दिखता की अपनी रसद लाइन ही काट डाले. ऐसे में जो विकल्प बचता है वह केवल चुनाव के साथ संसद में दो तिहाई बहुमत के साथ पहुचने पर ही पूरा हो पायेगा. इस बात को तो अन्ना और किरण बेदी जानते ही होंगें लेकिन ऐन मौके पर अपने हाथ पीछे खीच वे क्या दिखाना चाह रहे थे. दरअसल अन्ना का आन्दोलन एक प्रायोजित कार्यक्रम ही था जिसमें कांग्रेसी नेताओं को बदनाम कर भाजपा को सीधा फायदा पहुंचाना ही था. लेकिन जब अरविन्द ने राजनितिक विकल्प पर सहमति दी तो अन्ना ने आन्दोलन को खत्म ही कर डाला. अब भी आम आदमी जिसके नाम की टोपी अरविन्द के सर पर है वही अरविन्द के साथ     जुड़ कर भी ठगा नहीं जाएगा इस बात की क्या गारंटी है? लेकिन अच्छा होगा यदि ये आन्दोलन आम आदमी को फिर से संसद और विधायिका के प्रति विश्वास करने का मौक़ा देगा.
और अरविन्द एक ख़ास बात आपके लिए ये जो जनता आज आपके साथ है और नेताओं से जवाब मांग रही है एक दिन उन्हीं नेताओं की जय जयकार करती थी लेकिन आज उन्हें उखाड़ने के लिए आप के साथ है. कल अगर आप भी उन्हीं नेताओं की कतार में खड़ें हो गये तो जनता आप को भी यही सबक देगी.

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