कुछ समय पहले तक देश में अन्ना हर मुद्दे पर मुखर दिखे थे लेकिन अब लगता है एक लम्बे वनवास में किसी जंगल में चले गये हैं, एक ऐसी शख्शियत जिसे हर दशा में सरकार और नौकरशाहों में खोट दिखता था आज जब दिल्ली एक बलात्कार के लिए चीत्कार रहा है अन्ना कहाँ हैं... किसी को पता नहीं। सच और न्याय के इस बड़े पैरोकार को आज क्या हो गया जो वो चुप है या फिर यहाँ कोई बड़ा स्पांसर नहीं मिल रहा है. ये अन्ना टाईप सेलिब्रेटी हर समय किसी बहकाने वाले को खोजते रहते हैं। देश के साथ धोखा करने वालों को ये देश पूजता है, भारतीय मानस हर बार ठगा जाता है। कभी नेताओं द्वारा और कभी अन्ना जैसे षड्यंत्रकारियों द्वारा देश की लोकतांत्रिक आत्मा के साथ बलात्कार करने वाला ये शख्स आज बलात्कारियों के कृत्यों पर चुप है आखिर क्यों? क्योंकि इसे कोई फर्क पड़ता है। अगर यहाँ भी कोई प्रायोजक मिल जाए तो अन्ना कल ही धरने पर होंगें। धत अन्ना एक बेटी की अस्मत लूटी गयी और तुम्हारी चुप्पी.....कल तक इस देश ने आपको आदर्श माना था लेकिन आप तो इन नेताओं से भी बदतर निकले इन्हें कम से कम संवेदना को शब्द तो मिले। अगर अब भी ये देश ऐसे छद्म अन्ना की बाँट जोह रहा है तो देश बिक जाएगा और अन्ना प्रायोजक तलाशता रहेगा। ये देश अब उठ अपने बल बूते लड़ने की कुव्वत कर अन्ना को कोई फर्क नहीं पड़ता की तेरी माँ या बहिन की अस्मत लूटी जाय।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें