शनिवार, 19 जनवरी 2008

लादेन के बेटे को है शांतिदूत बनने की

काहिरा: अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के बेटा उमर ओसामा बिन लादेन मुस्लिम जगत और पश्चिमी देशों के बीच 'शांतिदूत' की की भूमिका निभाना चाहते हैं। एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में 26 वर्षीय उमर लादेन ने यह बात कही। उन्होंने इसे इस्लाम को बचाने के लिए अल कायदा के आतंकवाद से कहीं बेहतर तरीका बताया। पिछले साल उमर ने कुछ ऐसा किया कि ब्रिटेन के टैबलायड्स में मानों तूफान उठ खड़ा हुआ। उमर ने 52 वर्षीय ब्रिटिश महिला जेन फेलिक्स ब्राउन से ब्याह रचाया और शादी के बाद उसका नाम जैना अल सबाह रखा। अब यह जोड़ा उत्तर अफ्रीका में 5000 किलोमीटर लंबी घुड़दौड़ की योजना बना रहा है, ताकि शांति की ओर लोगों का ध्यान खींचा जा सके। उमर ने बीते सप्ताह एक समाचार एजेंसी से काहिरा के शॉपिंग मॉल के कैफे में कहा कि यह पश्चिम की मन:स्थिति और विचारों को बदलने की कोशिश है। उमर की पत्नी अल सबाह अपने पति को ब्रिटेन लाने का प्रयास कर रही हैं। अल सबाह कहती हैं कि उमर सोचते हैं कि वे मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं। मुझे लगता है कि दुनिया में वह एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं, जो ऐसा कर सकते हैं। उमर ओसामा अल कायदा सरगना के 19 बच्चों में से एक हैं। उमर अपने पिता की चौथी संतान हैं। वह ओसामा के साथ सूडान में रहते थे। 1996 में खारतूम ने ओसामा को सूडान छोड़ने के लिए विवश कर दिया था। इसके बाद उमर अपने पिता के साथ अफगानिस्तान आ गए थे।
अंजू 'स्नेहा'

कोई टिप्पणी नहीं: