रविवार, 27 जनवरी 2008

सिंचाई परिसंपत्ति: केंद्र के रुख से सरकार हताश

देहरादून। सिंचाई परिसंपत्तियों के बंटवारे पर केंद्र के रुख से उत्तराखंड सरकार हताश है। अलबत्ता, सरकार ने इसी महीने यूपी के साथ इस पर फिर से वार्ता का मन बनाया है। इस हेतू मुख्य सचिव खुद लखनऊ जाएंगे। इस बीच, सिंचाई मंत्रालय ने यूपी के कब्जे वाली विभाग की भूमि के सत्यापन की रिपोर्ट तलब की है। सिंचाई विभाग की करीब दस अरब रुपये की परिसंपत्तियों पर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच गतिरोध चल रहा है, पिछले दिनों सरकार ने केंद्र से इसमें हस्तक्षेप कर समाधान की गुजारिश की थी पर केंद्र के रुख से उत्तराखंड सरकार निराश है। सिंचाई मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सैफुद्दीन सोज का पत्र हाल ही में सरकार को प्राप्त हुआ है। इसमें कहा गया कि मंत्रालय को जांच में पता चला कि गंगा प्रबंधन बोर्ड के गठन से इसका निपटारा संभव है। यह प्रक्रिया चल रही है। केंद्रीय जल आयोग ने दोनों राज्यों के साथ इस पर बैठक की है। राज्य सरकारों से इन संबंध में सूचनाएं मांगी गई हैं। संपर्क करने पर सिंचाई मंत्री मातबर सिंह कंडारी ने इसकी पुष्टि की। उनका कहना है कि केंद्र सरकार के रुख से साफ है कि गंगा प्रबंधन बोर्ड के गठन से पहले इसका निस्तारण नहीं हो सकता है। उन्होंने बताया कि १४ जनवरी को उत्तर प्रदेश के सिंचाई मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के स्तर से लिखा गया एक अन्य पत्र भी हाल में सरकार को प्राप्त हुआ है। इसमें बंटवारे की प्रक्रिया की अभी तक के प्रगति का उल्लेख करने के साथ ही यह भी कहा गया है कि बंटवारे वाली भूमि का भौतिक सत्यापन होने के बाद ही दोनों राज्यों के मध्य मंत्री स्तरीय बैठक का आयोजन उचित होगा।
(आशुतोष पाण्डेय )

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